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सीएसआईआर – केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार,
मैसूरु - 570020

अनुसंधान क्षेत्र

लिपिडोमिक सेंटर

सीएसआईआर से बारहवीं पंचवर्षीय योजना परियोजनाओं के हिस्से के रूप में, सीएसआईआर-सीएफटीआरआई ने लिपिड अनुसंधान पर कार्य करने हेतु एक केंद्र की स्थापना के लिए 20 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान प्राप्त किया। 2016 में केंद्र की स्‍थापना सफलतापूर्वक की गई और इसमें उच्चतम स्‍तर के लिपिड अनुसंधान के लिए अपेक्षित सर्वोत्तम उपकरण उपलब्‍ध हैं। लिपिड में आमतौर पर जाने जानेवाले तेल और वसा हैं। यह केंद्र ऐसे खाद्य अणु पर अनुसंधान एवं विकास करता है जिसका ठीक प्रकार से अध्‍ययन नहीं किया गया हो। खमीर कोशिकाओं और पादप कोशिकाओं के अंदर लिपिड चयापचय के ट्रांसक्रिप्शनल विनियमन को समझने से लेकर नई तिलहन फसलों की पहचान, विशेषता और अनुकूलन तक, यह केंद्र तेलों पर व्यापक शोध करता है।
इस केंद्र का उद्देश्‍य और लक्ष्‍य तेल और वसा के विषय में हमारी सोच को बदलना है। फास्ट-फूड के दीवानों की इस दुनिया में यह वसा के बारे में हमारी नकारात्मक सोच को दूर करने का प्रयास करता है और स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हितकर कुछ तेल मिश्रणों को तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है। केंद्र न्यूट्रास्युटिकल्स के रूप में विशेष तेल जैसे, ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त तेल, स्वास्थ के लिए हितकर पत्‍तों का तेल और तेल कैप्सूल भी विकसित कर रहा है।
लिपिड चयापचय में शामिल विभिन्न यीस्ट और पादप जीनों पर गहन शोध के परिणामस्वरूप नए जीन और/कार्यों की पहचान और उनका वर्गीकरण हुआ है। इससे कई प्रकाशन निकाले गए हैं जो इस केंद्र में किए जा रहे शोध की गुणवत्ता का दावा करते हैं और जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है।
यह केंद्र ऐसे उपकरणों का दावा करता है जो देश में पहली बार विकसित किए गए हैं और जो पूरी दुनिया में उपलब्‍ध सर्वश्रेष्ठ लिपिड अनुसंधान प्रयोगशालाओं के समान हैं। भारत में पहली बार इस केंद्र में यीस्ट और प्लांट लिपिडोमिक्स पर बड़े पैमाने पर शोध किया गया है, जिससे यह देश में सबसे अच्छा लिपिड अनुसंधान केंद्र बन गया है।