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सीएसआईआर – केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिक अनुसंधान संस्थान

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार,
मैसूरु - 570020

अकादमिक कार्यक्रम

एमएससी खाद्य प्रौद्योगिकी

एमएससी खाद्य प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम वर्ष 1964 में अंतर्राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण केंद्र (IFTTC) के एक भाग के रूप में शुरू किया गया था। इस कोर्स में प्रवेश पाने वाले छात्रों के लिए मेरिट-कम एंट्रेंस एग्जामिनेशन सिस्टम एक माध्‍यम है। इसमें भारतीय सेना से संबंधित छात्रों के लिए भी 1 सीट होता है। एमएससी खाद्य प्रौद्योगिकी एक अंतर-विषयक पाठ्यक्रम है, जिसका उद्देश्य उच्च प्रशिक्षित खाद्य टेक्नोक्रेट के साथ खाद्य उद्योगों को बढ़ावा देना है। यह व्यापक पाठ्यक्रम छात्रों को अनुभव प्रदान करने के साथ समकालीन चुनौतियों और खाद्य क्षेत्र में भविष्य की आपात स्थितियों का का सामना करने हेतु तैयार करता है। पाठ्यक्रम के लिए उम्मीदवारों का चयन डिग्री परीक्षा में उनकी योग्‍यता पर आधारित होगा, जैसा कि प्रवेश परीक्षा में प्राप्तांकों के साथ मार्क्स/ग्रेड द्वारा होता है। इस कार्यक्रम में प्रवेश जुलाई के महीने में मैसूर में आयोजित एक राष्ट्रीय-स्तर प्रवेश परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार) के माध्यम से होता है। इसमें उत्‍तीर्ण होने वाले छात्रों को कैंपस सेलेक्शन के माध्‍यम से फूड एंड एलाइड इंडस्ट्रीज, इंस्टीट्यूशंस या सरकारी संगठनों में रोज़गार प्राप्‍त हुआ है।


एकीकृत एमएससी एवं पीएचडी कार्यक्रम (Nutrition Biology)

आज दुनिया 'पोषण' को 'औषधि' के विकल्प के रूप में देखती है। इस जानकारी का मुख्‍य उद्देश्‍य यह बताना है कि ‘आहार’ किस प्रकार ‘अच्छे स्वास्थ्य’ के लिए जादुई छड़ी का काम करता है। यह कार्यक्रम एसीएसआईआर के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है। यह पाठ्यक्रम आणविक के साथ-साथ जीव स्तर पर पोषण और चयापचय के मूल सिद्धांतों पर प्रकाश डालता है। इसका प्रमुख उद्देश्‍य पोषण जीव विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान क्षमता बढ़ाना है। यह कार्यक्रम CSIR-CFTRI, मैसूर, जेएसएस मेडिकल कॉलेज, मणिपाल मेडिकल कॉलेज, मैसूर मेडिकल कॉलेज एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट और Adichunchanagiri Institute of Medical Sciences (Mandya) द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया जाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य जीव विज्ञान, रसायन शास्‍त्र, भौतिकी, जैव सूचना विज्ञान, मॉडलिंग, सांख्यिकी जैसे विज्ञान के ऐसे कई विभिन्न क्षेत्रों से पोषण को जोड़ना है।


फलोर मिल्लिंग प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम

इंटरनेशनल स्कूल ऑफ मिलिंग टेक्नोलॉजी (ISMT) भारत और अन्य विकासशील देशों में आटा मिल्लिंग तकनीक में प्रशिक्षण के संबंध में आटा पिसाई उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए 1981 के दौरान एक संयुक्त भारत-स्विस उद्यम और रोलर आटा मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया परियोजना के रूप में स्थापित किया गया था। ISMT में पूर्णत: कंप्यूटर नियंत्रित पायलट रोलर आटा मिल के साथ CFTRI की सुविधा और विशेषज्ञता उपलब्‍ध है, जहां छात्रों को अंतरराष्ट्रीय और भारतीय उप महाद्वीपीय मानकों के अनुसार मिल्लिंग सिस्टम सिखाया जाता है। ISMT में कच्चे माल और तैयार उत्पादों के भौतिक-रासायनिक गुणों के परीक्षण के लिए विश्लेषणात्मक प्रयोगशाला की भी सुविधा है। इसके अलावा, मिल्लिंग उत्पादों की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए टेस्ट बेकिंग और पायलट स्केल बेकिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं।


पीएचडी कार्यक्रम

a) विज्ञान एवं नव अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर)

सीएसआईआर-सीएफटीआरआई खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार, ज्ञान प्रसार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और मानव संसाधन विकास में उत्कृष्टता के लिए और गुणवत्ता को सभी स्तरों पर कार्यान्वित करने हेतु प्रतिबद्ध है। खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विविध विषयों में अनुसंधान एवं नवाचार पर केंद्रित उत्कृष्ट आधार संरचना, अत्याधुनिक तकनीक युक्‍त इंस्ट्रूमेंटल और पायलट प्लांट सुविधाएं और उन्नत अनुसंधान प्रशिक्षण द्वारा समर्थित है। सीएसआईआर-सीएफटीआरआई, मैसूर उन छात्रों के लिए एक उत्कृष्ट शोध और अभिनव वातावरण प्रदान करता है जो वैज्ञानिक और नव अनुसंधान अकादमी (एससीआईआर) के तहत जैविक विज्ञान / इंजीनियरिंग विज्ञान में पूर्णकालिक डॉक्टरल (पीएचडी) अनुसंधान कार्यक्रम करना चाहते हैं।


b) विश्‍वविद्यालय

मैसूर विश्‍वविदद्यालय, मंगलूर विश्‍वविदद्यालय के अंतर्गत विज्ञान में पीएचडी डिग्री करने हेतु सीएसआईआर-सीएफटीआरआई एक मान्‍य संस्‍थान है। छात्र जैव रसायन, जीव विज्ञान, जैस प्रौद्योगिकी, रसायनशास्‍त्र, खाद्य प्रौद्योगिकी, खाद्य विज्ञान एवं पोषण और सूक्ष्‍मजैविकी में पीएचडी करने हेतु पंजीकरण कर सकते हैं।